The Ultimate Guide To Shodashi
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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?
Given that amongst his adversaries had been Shiva himself, the Kama obtained large Shakti. Lacking discrimination, The person began developing tribulations in all the 3 worlds. With Kama owning a great deal electrical power, and With all the Devas facing defeat, they approached Tripura Sundari for enable. Taking on all her weapons, she charged into battle and vanquished him, thus preserving the realm in the Gods.
प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥
हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला
Around the sixteen petals lotus, Sodhashi, who's the shape of mom is sitting down with folded legs (Padmasana) eliminates each of the sins. And fulfils the many needs together with her 16 different types of arts.
भगवान् शिव ने read more कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः
The name “Tripura” usually means the three worlds, and the word “Sundari” usually means by far the most gorgeous female. The name of your Goddess only implies essentially the most stunning lady in the 3 worlds.
Ignoring all caution, she went towards the ceremony and found her father had commenced the ceremony without the need of her.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं